प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज चेन्नई के जेएलएन इनडोर स्टेडियम में 44वें शतरंज ओलंपियाड के शुभारंभ की घोषणा की। इस अवसर पर तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन, केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री श्री एल मुरुगन, अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ (एफआईडीई, फिडे) के अध्यक्ष अर्कडी ड्वोरकोविच भी उपस्थित थे।
सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने दुनियाभर के सभी खिलाड़ियों और शतरंज प्रेमियों का भारत में स्वागत किया। उन्होंने इवेंट के समय के महत्व का जिक्र करते हुए कहा कि यह ऐसे समय में हो रहा है जब ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शतरंज का सबसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट, शतरंज के जन्मस्थान भारत आया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 44वें शतरंज ओलंपियाड में कई बातें पहली बार और रेकॉर्ड बन रहे हैं। यह पहली बार भारत में शतरंज के जन्मस्थान पर हो रहा है। यह तीन दशक में पहली बार एशिया में हो रहा है। पहली बार इसमें सबसे ज्यादा देश और टीमें भाग ले रही हैं। इसमें महिला वर्ग में सर्वाधिक प्रविष्टियां मिली हैं। उन्होंने कहा कि इस बार शतरंज ओलंपियाड की पहली मशाल रिले शुरू हुई।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि तमिलनाडु का शतरंज से मजबूत ऐतिहासिक संबंध है। यही कारण है कि यह भारत के लिए शतरंज का पावरहाउस है। इसने भारत के कई शतरंज ग्रैंडमास्टर तैयार किए हैं। यह तेज दिमाग, जीवंत संस्कृति और दुनिया की सबसे पुरानी भाषा तमिल का घर है।